पिताजी हमारे कितने प्यारे, कितने प्यारे, कितने न्यारे। पिताजी हमारे कितने प्यारे, कितने प्यारे, कितने न्यारे।
जब मैं छोटी थी हाथ पिताजी का पकड़ के दुनिया घूमने जाती थी। जब मैं छोटी थी हाथ पिताजी का पकड़ के दुनिया घूमने जाती थी।
सुख का दें संसार पिताजी ,जीवन के आधार पिताजी। सुख का दें संसार पिताजी ,जीवन के आधार पिताजी।
गुरु मित्र बावर्ची बनकर खुशियां बांटा करते थे। गुरु मित्र बावर्ची बनकर खुशियां बांटा करते थे।
थम सा गया हूँ मैं उन लम्हों में, जब उस हूर को देख लिया था इन आंखों ने, झूम रहा था म थम सा गया हूँ मैं उन लम्हों में, जब उस हूर को देख लिया था इन आंखों ने, ...